द इंडियन एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड
इंडियन एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड, प्रकाशक कंपनी द एक्सप्रेस ग्रुप ऑफ़ पब्लिकेशन्स का एक हिस्सा है। कंपनी द इंडियन एक्सप्रेस, द फाइनेंशियल एक्सप्रेस, बिसनेस डेली, लोकसत्ता मराठी दैनिक समाचार पत्र, जनसत्ता हिंदी दैनिक और लोकप्रभा साप्ताहिक मराठी पत्रिका जैसे समाचार पत्रों का प्रकाशन करती है। 1932 में, फ्लैगशिप अखबार द इंडियन एक्सप्रेस का शुभारंभ रामनाथ गोयनका द्वारा किया गया था। वह निर्भीक, स्वतंत्र और खोजी पत्रकारिता जगत मे एक सम्मानित नाम थे। वर्तमान मे उनके बेटे, विवेक गोयनका और पोते, अनंत गोयनका द्वारा कंपनी चलाई जा रही है। कंपनी के अधिकांश शेयर इंडियन एक्सप्रेस होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के पास हैं और अधिकांश शेयर विवेक और अनंत गोयनका के पास हैं।
शेखर गुप्ता, आज प्रिंट के संस्थापक और प्रधान संपादक हैं। यह एक डिजिटल समाचार आउटलेट है। गुप्ता 2014 में अखबार से इस्तीफा देने से पहले 19 वर्षों तक द इंडियन एक्सप्रेस के प्रधान संपादक रहे, अब उनके पास कंपनी में शेयर हैं।
व्यापार प्रपत्र
निजी
कानूनी प्रपत्र
प्राइवेट लिमिटेड
व्यापार क्षेत्र
प्रकाशन
व्यक्तिगत स्वामी
अन्य प्रिंट आउटलेट
वित्तीय एक्सप्रेस (मिसिंग डेटा)
लोकसत्ता (मिसिंग डेटा)
जनसत्ता (मिसिंग डेटा)
लोकप्रभा (मिसिंग डेटा)
अन्य ऑनलाइन आउटलेट
https://www.financialexpress.com/ (Missing Data)
https://www.jansatta.com/ (Missing Data)
https://www.loksatta.com/ (Missing Data)
सामान्य जानकारी
स्थापना वर्ष
1932
संस्थापक के संबद्ध व्यवसाय
एक स्वतंत्रता सेनानी थे इन्होंने महात्मा गांधी के साथ अंग्रेजों से भारत की आजादी की लड़ाई मे हिस्सा लिया था। यद्यपि 1922 में, उनके परिवार ने उन्हें यार्न और जूट के डीलर के व्यवसाय के लिए मद्रास अब चेन्नई भेजा दिया था। कुछ साल बाद 1934 में उन्होंने द इंडियन एक्सप्रेस अखबार के स्वामित्व वाली एक स्थानीय कंपनी में शेयर खरीदे। दो साल बाद उन्होने अखबार लॉंच किया और आगे आने वाले कई दशकों तक निर्भीक, खोजी और स्वतंत्र पत्रकारिता का प्रतीक बने रहे।
स्वतंत्रतापूर्व युग में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़े होने और 1975 में गांधी के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी, जय प्रकाश नारायण का समर्थन करने के लिए कांग्रेस की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के क्रोध का भी सामना करना पड़ा। यही नहीं उस समय कांग्रेस प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे, राजीव गांधी से भी गुस्से का शिकार होना पड़ा था क्योंकि अखबार ने राजीव गांधी के खिलाफ भ्रष्टाचार के घोटाले उजागर किए। इंदिरा और राजीव गांधी दोनों ही प्रधानमंत्री काल मे गोयनका को उनकी खोजी और निर्भीक पत्रकारिता के लिए जाना जाता रहेगा।
1941 में रामनाथ गोयनका को राष्ट्रीय समाचार पत्र संपादकों के सम्मेलन का अध्यक्ष चुना गया था। वह पहली संविधान सभा के सदस्य भी थे। 1948 में दैनिक अखबार तेज के सहयोग से उन्होंने चेन्नई में एक अंग्रेजी समाचार पत्र द इंडिया न्यूज क्रॉनिकल की शुरुआत की, जिसका नाम बदलकर द इंडियन एक्सप्रेस रखा गया। स्वतंत्रता के बाद, वह भारत की संविधान सभा के एक नियुक्त सदस्य थे, जिसका गठन भारत के संविधान की रूपरेखा तैयार करने के लिए किया गया था।
कर्मचारी
डेटा अनुपलब्ध
संपर्क करें
मुख्य व्यवसायिक कार्यालय: एक्सप्रेस बिल्डिंग, बी -1 / बी, सेक्टर -10, नोएडा - 201 301
टेलीफोन: +91-120-6651500
वेबसाइट : <a href="expressgroup.indianexpress.com/index.html" class="intern" target="_blank">expressgroup.indianexpress.com/index.html
पंजीकृत कार्यालय:
इंडियन एक्सप्रेस [पी] लिमिटेड
एक्सप्रेस टावर्स, पहली मंजिल [मेज़ानाइन]
नरीमन पॉइंट,
मुंबई - 400021
दूरभाष: 022 6744002
वेबसाइट: <a href="expressgroup.indianexpress.com/index.html" class="intern" target="_blank">expressgroup.indianexpress.com/index.html
कर / आईडी संख्या
CIN: U22120MH2003PTC142983
वित्तीय जानकारी
राजस्व (वित्तीय डेटा / वैकल्पिक)
INR 4556.71 Million / USD 69.867Million
परिचालन लाभ (मिलियन डॉलर में)
INR 332.008 Million / USD 5.091Million
विज्ञापन (कुल धन का%)
डेटा अनुपलब्ध
प्रबंध
कार्यकारी बोर्ड + संबद्ध व्यवसाय
अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक
सीईओ और निदेशक
निदेशक
कार्यकारी निदेशक
अन्य प्रभावशाली लोग + संबद्ध व्यवसाय
मुख्य वित्तीय अधिकारी
वरिष्ठ उपाध्यक्ष
समूह प्रमुख, ब्रांड
उपाध्यक्ष
अतिरिक्त जानकारी
मुख्य समाचार
मेटा डेटा
इंडियन एक्सप्रेस (पी) लिमिटेड कंपनी एक असूचीबद्ध कंपनी है। प्रबंधन की जानकारी कंपनी की वेबसाइट से एकत्र की गई थी। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय से वित्तीय और हिस्सेदारी की जानकारी एकत्र की जा सकती है।
चूंकि यह एक असूचीबद्ध कंपनी है, इसलिए यह वार्षिक रिपोर्ट प्रकाशित नहीं करती है और कंपनी के समाचार पत्रों पर वित्तीय जानकारी उपलब्ध नहीं है। इसके अतिरिक्त सूचना के लिए अनुरोध हेतु 31 जनवरी को एक मेल और 1 फरवरी 1919 को कंपनी को कुरियर भेजा गया है, लेकिन अभी तक कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई है।