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राजस्थान पत्रिका

राजस्थान पत्रिका की शुरुआत आज से 60 साल पहले 1956 में करपूर चंद्र कुलिश द्वारा की गई थी। यह भारत के सबसे पुराने समाचार पत्रों में से एक है। पत्रिका ग्रुप की राजस्थान पत्रिका के अलावा 38 राज्यों के साथ 9 राज्यों में उपस्थिति है, यह एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है, जिसमें 250 संस्करणों के साथ आठ राज्यों के 34 शहरों में है। राजस्थान के बाहर, समाचारपत्र का मतलब पत्रिका के रूप में जाना जाता है। इंडियन रीडरशिप सर्वे (IRS) 2017 के अनुसार, राजस्थान पत्रिका भारत में 16.32 मिलियन पाठकों तथा भाषाओं में सातवां सबसे अधिक पढ़ा जाने वाला समाचार पत्र है। यह अखबार देश का पांचवा सबसे अधिक पढ़ा जाने वाला हिंदी अखबार है। आज राजस्थान पत्रिका के संस्थापक के पोते - निहार और सिद्धार्थ कोठारी हैं और गुलाब कोठारी अखबार के प्रधान संपादक हैं। मूल कंपनी, “पत्रिका ग्रुप” ने डिजिटल, रेडियो, टेलीविजन, ईवेंट आदि सहित कई अन्य व्यवसायों में कदम रखा है।#

मुख्य तथ्य

श्रोतागण शेयर

2.65%

स्वामित्व प्रकार

निजी

भौगोलिक कवरेज

राष्ट्रीय

सामग्री प्रकार

भुगतान किया हुआ

डेटा सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है

स्वामित्व डेटा अन्य स्रोतों से आसानी से उपलब्ध है, उदाहरण सार्वजनिक रजिस्ट्रियां आदि

2 ♥

मीडिया कंपनियों / समूह

राजस्थान पत्रिका प्राइवेट लिमिटेड

स्वामित्व

स्वामित्व - ढाँचा

राजस्थान पत्रिका का स्वामित्व और प्रबंधन राजस्थान पत्रिका प्राइवेट लिमिटेड के पास है। राजस्थान पत्रिका प्राइवेट लिमिटेड के शेयर 33 व्यक्तियों और 1 कंपनी के बीच विभाजित हैं।
कोठारी परिवार के पास सीधे और एक सहायक के बतौर राजस्थान पत्रिका प्राइवेट लिमिटेड का 98.04% हिस्सा है, पत्रिका फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड 1.96% और शेष शेयर अन्य व्यक्तियों के स्वामित्व में हैं।

राजस्थान पत्रिका प्राइवेट लिमिटेड में कोठारी परिवार की प्रत्यक्ष हिस्सेदारी 86.7% है, जिसमें प्रमुख शेयरधारक निहार कोठारी (34.35%), सिद्धार्थ कोठारी (34.35%) हैं, गुलाब कोठारी (4.34%), मिलाप कोठारी (4.27%), मंजुला कोठारी (3.97%), कल्पना कोठारी (3.72%) और शेष 1.67% शेयर परिवार के अन्य सदस्यों के पास हैं।
पत्रिका फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड के पास राजस्थान पत्रिका प्राइवेट लिमिटेड की 11.78% हिस्सेदारी है और कोठारी परिवार, पत्रिका फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड का प्रमुख शेयरधारक है साथ ही कंपनी का 96.32% हिस्सेदार है। शेष 26.32 % निम्न लोगों के पास हैं जैसे; सिद्धार्थ और निहार कोठारी के पास कंपनी का प्रमुख हिस्सा है इसमे गुलाब कोठारी (17.15% शेयर), कल्पना कोठारी (12.68% शेयर), मंजुला कोठारी (3.65% शेयर), कुसुम्भी सेठ (3.68% शेयर), मिलाप कोठारी के पास (3.50% शेयर) और पद्मासन कोठारी के पास (2.94% शेयर) हैं। अन्य 3.68% शेयर मंजरी शिंघवी के पास हैं।
इसलिए, पत्रिका फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से कोठारी परिवार के पास राजस्थान पत्रिका प्राइवेट लिमिटेड की 11.34% हिस्सेदारी है, कुल मिलाकर कोठारी परिवार के पास राजस्थान पत्रिका प्राइवेट लिमिटेड का 98.04% हिस्सा है।

मताधिकार

अनुपलब्ध डेटा

व्यक्तिगत स्वामी

समूह / व्यक्तिगत स्वामी

Other minority shareholders

The remaining 1.96% shares are owned by other individuals.

2%
मीडिया कंपनियों / समूह
तथ्य

सामान्य जानकारी

स्थापना वर्ष

1956

संस्थापक संबद्ध व्यवसाय

करपूर चंद्र कुलिश

राजस्थान पत्रिका के संस्थापक हैं। उन्होंने अपने स्वयं के अखबार, राजस्थान पत्रिका को लॉन्च करने से पहले एक पत्रकार के रूप में अपना करियर शुरू किया। कुलिश हिंदी भाषा के प्रति सदैव ही उत्साहित रहे हैं। राजस्थान पत्रिका के मालिक के रूप में उनके पूरे कार्यकाल को पत्रकारिता की साख को बनाए रखने का श्रेय दिया जाता है।
उन्होंने बी. डी. गोयनका फाउंडेशन पुरस्कार सहित कई अन्य पुरस्कार जीते जिनमे से 1990 में "भारतीय भाषा के समाचार पत्रों में उत्कृष्ट योगदान" के लिए तथा 2000 में गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार प्राप्त किए। हिंदी भाषा को बढ़ावा देने वाले भारत सरकार के संगठन ‘हिंदी साहित्य सम्मेलन’ ने उन्हें ‘प्रयाग साहित्य वाचस्पति’ के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया। इसके अतिरिक्त 1991 में अखिल भारतीय संपादकों के सम्मेलन की स्वर्ण जयंती के अवसर पर उनके साहित्यिक और पत्रकारिता के क्षेत्र मे योगदान के लिए उन्हें भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री चंद्रशेखर द्वारा सम्मानित किया गया था। इंडिया पोस्ट ने 16 मई 2012 को कुलिश की स्मृति में एक डाक टिकट जारी किया।

सी ई ओ संबद्ध व्यवसाय

निहार कोठारी

राजस्थान पत्रिका प्रबंध निदेशक और कार्यकारी संपादक हैं वह 2002 से इस पद पर हैं। वह भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) से ग्रेजुएट हैं, और मेडिल स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट से मीडिया मैनेजमेंट में कोर्स किया है। निहार कोठारी अन्य कंपनियों जैसे पत्रिका मीडिया (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, स्काए मीडिया प्राइवेट लिमिटेड, जैमोर लिमिटेड, पत्रिका ऑनलाइन प्राइवेट लिमिटेड, पत्रिका प्राइवेट लिमिटेड और ग्रे मैटर इंफ़ोटेक प्राइवेट लिमिटेड आदि के मालिक हैं।

मुख्या संपादक संबद्ध व्यवसाय

गुलाब कोठारी, करपूर चंद्र कुलिश के पुत्र और वर्तमान में राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक हैं। वह पत्रिका समूह के समूह अध्यक्ष भी हैं। डॉ. गुलाब कोठारी ‘द फिलॉसफी इन द इंटरकल्चरल ओपन यूनिवर्सिटी, नीदरलैंड’ डी. लिट्. की उपाधि प्राप्त की है। सामाजिक क्षेत्र मे उनकी उत्कृष्टता के लिए ओकिडू ग्लोबल रिसर्च इंस्टीट्यूट, इटली से ‘डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी’ के विशेष सम्मान से भी सम्मानित किया। कोठारी ने अंग्रेजी और हिंदी में कई किताबें भी लिखी हैं। वह मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं और पत्रकारिता से जुड़े अनेक विषयों पर लिखते रहे हैं।
गुलाब कोठारी को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। वह मूर्तिदेवी अवार्ड -2018 के विजेता रहे हैं। एमिटी यूनिवर्सिटी, जयपुर से साहित्य मे डॉक्टरेट की मानद उपाधि से भी सम्मानित किया गया, उन्हें यूनिवर्सिटेड सेंट्रल डे निकारागुरु (यूसीएन) और यूनिवर्सिटेड एज़्टेक (यूए) से प्रशासन में पीएचडी से सम्मानित किया गया है।

अन्य महत्वपूर्ण लोग संबद्ध व्यवसाय

सिद्धार्थ कोठारी, गुलाब कोठारी के छोटे बेटे, पत्रिका के प्रबंध निदेशक और संयुक्त संपादक हैं। उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) अहमदाबाद और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री ली है। सिद्धार्थ कोठारी को मध्य भारत के राज्यों में प्रिंट मीडिया के विस्तार का श्रेय दिया जाता है। एफएम रेडियो, आउट-ऑफ-होम एडवरटाइजिंग (OOH), आदि व्यवसाय भी उनके संरक्षण मे हैं।

संपर्क करें

राजस्थान पत्रिका प्राइवेट लिमिटेड

केसरगढ़, जे.एल.एन. मार्ग

जयपुर – 302004, राजस्थान

टेली: +91-141-39404142, 3005662

वेबसाइट: www.patrika.com/rajasthan-news/

 

वित्तीय जानकारी

राजस्व (मिलियन डॉलर में)

अनुपलब्ध डेटा

परिचालन लाभ

अनुपलब्ध डेटा

विज्ञापन (कुल धन का%)

अनुपलब्ध डेटा

मार्केट शेयर

अनुपलब्ध डेटा

अतिरिक्त जानकारी

मेटा डेटा

पत्रिका समूह की मुख्य वेबसाइट पर शीर्ष प्रबंधन या निदेशक अथवा अन्य किसी भी व्यक्ति का प्रोफाइल उपलब्ध नहीं है। यहाँ उपलब्ध डेटा कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय की वेबसाइट से लिया गया। एमओएम की टीम ने 23 जनवरी 2019 को कंपनी को एक ईमेल भेजा था और उसके बाद पुन: 1 फरवरी 2019 को राजस्थान पत्रिका को एक पत्र भी भेजा था जिसमें दस्तावेज़ में दिए गए आंकड़ों की पुष्टि की गई थी।

स्रोत मीडिया प्रोफाइल

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